रसोइये का वेतन 9 हजार, पर बच्चे साफ करते हैं चावल

रसोइये का वेतन 9 हजार, पर बच्चे साफ करते हैं चावल


खाना भी खुद ही पकाते हैं


बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कोटा ब्लाक के ग्राम करगीखुर्द में वनवासी सेवा मंडल से संचालित बापा छात्रावास है। इस छात्रावास में बच्चों के खाने और वहां पदस्थ अधीक्षक समेत कर्मचारियों का वेतन भी अनुदान के रूप में आदिवासी विकास विभाग देता है। इस तरह हर माह खाने और वेतन का खर्च करीब 75 हजार रुपए मासिक आता है। पर यहां बच्चे चावल भी चुनते हैं और खाना भी पका रहे हैं। वर्तमान में पदस्थ रसोइये को 9 हजार रुपए वेतन मिल रहा है, लेकिन मौके पर छात्रावास में अधीक्षक गायब थे। हालांकि रसोइया जरूर मौजूद था, लेकिन उसकी जगह छात्र खाने की तैयारी में लगे हुए थे। छात्रावास में कक्षा छठवीं से आठवीं तक रहकर आदिवासी छात्र पढ़ाई करते हैं। विभाग के सहायक संचालक सीएल जायसवाल से इस संबंध में चर्चा करने पर मामले की जांच कराने की बात कहते हैं।


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