रायपुर. छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन से वर्क्स डिपार्टमेंट के 12 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट अटक गए हैं। इनमें पीडब्ल्यूडी के सर्वाधिक आठ हजार करोड़ के वर्तमान में चल रहे और शुरू होने वाले प्रोजेक्ट हैं। इनमें नई सड़कों के अलावा नया रायपुर में नए सिविल लाइन का काम भी है। अगर अप्रैल तक लॉकडाउन रहा तो वापस मजदूर जुटाकर मई-जून में ही काम शुरू हो पाएगा। इस तरह प्रोजेक्ट 4 से 6 माह तक अटक जाएगा। प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाएगी।
अफसरों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में भले ही स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन एक-एक कर नए केस भी आ रहे हैं। ऐसे में लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी तत्काल काम शुरू कर पाना आसान नहीं होगा। फिर भी यह कोशिश की जाएगी कि लॉकडाउन के बाद न्यूनतम समय में काम शुरू किया जा सके। संबंधित एजेंसियों को भी अपनी तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
ये बड़े प्रोजेक्ट, जिनका काम अटका
विभाग | कीमत (करोड़ रुपए में) |
लोक निर्माण विभाग | 8000 |
जल संसाधन विभाग | 1600 |
नगरीय प्रशासन | 1000 |
पीएचई | 200 |
एशियन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट | 1000 |
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज | 300 |
एनआरडीए | 500 |
22 मार्च से टेंडर बुलाए थे, अब कब शुरू होंगे इसका पता नहीं
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि कई कार्यों के लिए 22 मार्च से टेंडर बुलाए गए थे, लेकिन ये काम अब कब शुरू हो पाएंगे, यह बता पाना आसान नहीं है। जो काम चल रहे थे, उनमें दो हजार करोड़ के एशियन डेवलपमेंट बैंक के प्रोजेक्ट और एक हजार करोड़ के पुल-पुलियों के काम थे। नेशनल हाईवे की 1200 किलोमीटर लंबाई की सड़कें अटक गई हैं। नए बजट में 6200 करोड़ मिले हैं, लेकिन पुराने का काम प्रभावित होने का असर नए कार्यों पर भी पड़ेगा।
कई बांध, एनीकट के काम, नहरों का मेंटेनेंस सब कुछ अभी बंद
जल संसाधन विभाग में बस्तर से लेकर सरगुजा, गरियाबंद, रायगढ़ में 1600 करोड़ से ज्यादा के बांध, एनीकट, नहर लाइनिंग और मेंटेनेंस के काम रुक गए हैं। सिंचाई सुविधा के विस्तार के लिए शुरू की गई इन योजनाओं में कई ऐसी हैं, जिस इस सीजन में पूरा करने की तैयारी थी, लेकिन काम बंद होने के कारण देरी की आशंका है। अफसरों के मुताबिक बजट में भी कई प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी, जिन पर काम शुरू करना था।
निर्माण सामग्रियों की भी आएगी किल्लत
जानकारों के मुताबिक लॉकडाउन के कारण सीमेंट और छड़ के कारखाने बंद कर दिए गए हैं। हालात सामान्य होने के बाद जब काम शुरू होगा, तब मांग बढ़ जाएगी। ऐसी स्थिति में निर्माण सामग्रियों की किल्लत हो सकती है। इसी तरह मजदूरों की भी कमी हो सकती है, क्योंकि जिन प्रोजेक्ट्स में दूसरे राज्यों के मजदूर लगे थे, उनमें अधिकांश लौट गए हैं। राज्य के भी अलग-अलग हिस्सों के मौजूद लौट गए हैं।
इसी साल पूरा करेंगे काम
इस संकट से निपटते ही जल्द बैठक कर समीक्षा करेंगे। हमारी नजर है। सभी विभागों से केवल टेंडर आगे बढ़ाने कहा गया है । उसके बाद री-टेंडर कर सारे काम इसी साल पूरे कराए जाएंगे।