जिला कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई आरोपितों की पेशी
इंदौर। हनी ट्रैप मामले में मंगलवार को आरोपितों की जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिला कोर्ट में पेशी हुई। यह तय होना था कि आगे से इस मामले की सुनवाई किस सत्र न्यायाधीश के समक्ष होगी, लेकिन मुद्देमाल जमा नहीं होने से सुनवाई टल गई। अब कोर्ट 18 फरवरी को इस संबंध में निर्णय लेगी। मंगलवार को ही भोपाल में दर्ज केस में आरोप पर बहस भी हुई।
17 सितंबर 2019 को नगर निगम के निलंबित इंजीनियर हरभजनसिंह ने पलासिया थाने पर रिपोर्ट लिखवाई थी कि दो महिलाएं उन्हें ब्लेकमेल कर रही हैं। ये महिलाएं अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर तीन करोड़ रुपए मांग रही हैं। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरतीसिंह, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर और ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद से ये सभी जेल में हैं। आरोपितों के खिलाफ 16 दिसंबर को चालान भी पेश हो चुका है। आरोपित श्वेता विजय जैन की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि मंगलवार को केस की सुनवाई के लिए सत्र न्यायालय तय होना था लेकिन यह नहीं हो सका। अब कोर्ट 18 को इस संबंध में सुनवाई करेगी।
जब खरीदने वाला नहीं तो मानव तस्करी कैसी
एडवोकेट गुर्जर ने बताया कि मंगलवार को भोपाल में आरोपितों के खिलाफ दर्ज केस में आरोप पर बहस हुई। आरोपितों के खिलाफ मानव तस्करी की धारा में केस दर्ज किया गया है। किसी भी तरह की तस्करी (व्यापार) के लिए दो लोगों का होना जरूरी है। पुलिस हमें बेचवाल बता रही है लेकिन न पुलिस ने बता रही है न एसआईटी की खरीदार कौन है। ऐसे में मानव तस्करी की धारा ही नहीं लग सकती। एडवोकेट गुर्जर ने बताया कि पुलिस मार्च की घटना बता रही है। आरोपित मोनिका की उम्र मार्च में 18 वर्ष से ज्यादा थी। ऐसे में श्वेता विजय जैन के खिलाफ धारा 370 ए का अपराध नहीं बनता है। आरोप पर तर्क अधूरे रहे।