एक भी काम ऐसा नहीं जो देश में बन सके मॉडल
इसलिए रायपुर ‘स्मार्ट’ रोल मॉडल नहीं
रायपुर । देश के टॉप-20 रोल मॉडल स्मार्ट शहरों की सूची में रायपुर का नाम नहीं है। स्मार्ट सिटी के अफसर एक भी ऐसा प्रयोग या इनोवेशन नहीं कर सके, जिससे देश में रायपुर की अलग जगह बन सके, इसलिए अब रोल मॉडल शहरों में जाकर अफसर सीखेंगे इनोवेशन के फार्मूले। हालांकि प्रोजेक्ट पूरा करने वाले देश के टॉप-5 शहरों में रायपुर ने स्थान पाया, लेकिन मॉडल शहरों में बनने से पिछड़ गया।
2016 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद से अब तक रायपुर में 51 करोड़ के प्रोजेक्ट किए जा चुके हैं। इनमें एक भी ऐसा प्रयोग नहीं किया गया, जिनकी वजह से देश में रायपुर की अलग पहचान बने और उस प्रोजेक्ट को पूरे देश की स्मार्ट सिटी के लिए माॅडल बनाया जा सके। स्मार्ट सिटी के अफसर ऐसा आइडिया नहीं ला सके, जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में ट्रांसपोर्ट सिस्टम और शिक्षा पर किए जा रहे प्रयोग के कारण उसे रोल मॉडल स्मार्ट सिटी में चुना गया। रायपुर में ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लेकर अब तक कोई बड़ा प्रयास नहीं किया गया।
इसी का परिणाम है कि शहर की प्रमुख सड़कों पर जाम से राहत नहीं मिल पा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भी कोई प्रयोग नहीं किया गया। सबकुछ पुराने परंपरागत फार्मूले पर चल रहा है। यही वजह है पिछले दिनों विशाखापट्टनम में हुई स्मार्ट सिटी मिशन की तीसरी अपेक्स कांफ्रेंस में नए प्रयोगों के लिए मॉडल सिटी के तौर पर चुने गए 20 शहरों में रायपुर नहीं है। केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इस साल के लिए ट्वंटी-ट्वंटी प्लान बनाया है। इसमें 20 शहरों को चुना गया है, जो बाकी स्मार्ट शहरों के लिए रोल मॉडल का काम करेंगे।
चार साल में 19 प्रोजेक्ट, इसलिए टॉप-5 में
स्मार्ट सिटी के तहत 19 से ज्यादा प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं। शहर की निगरानी के लिए चौक-चौराहों और संवेदनशील जगहों पर आईटीएमएस के तहत हाई पॉवर के सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं।
तेलीबांधा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रोजेक्ट भी पूरा कर लिया गया है। जयस्तंभ चौक के पास मल्टीलेवल पार्किंग, शहीद स्मारक भवन का नवीनीकरण और आनंद समाज लाइब्रेरी को अपग्रेड करने जैसे प्रोजेक्ट भी समयसीमा में पूरे कर लिए गए। स्मार्ट सिटी के फिलहाल 15 प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। इसमें जवाहर मार्केट का काम अंतिम चरण में है। फरवरी के अंत से इसकी बाजार शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा कलेक्टोरेट में मल्टीलेवल पार्किंग भी बन रही है।
इस बार नहीं बन पाए रोल मॉडल, आगे जरूर बनेंगे
रोल मॉडल शहर इस बार नहीं बन पाए, लेकिन अगली बार जरूर बनेंगे। प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए पहले पांच शहरों में रायपुर का नाम आने से अब भविष्य में शहर के विकास लिए और भी बेहतर माहौल बनेगा।
- एसके सुंदरानी, जीएम, स्मार्ट सिटी
बदलती रही प्राथमिकताएं
स्मार्ट सिटी के आला अफसरों की प्राथमिकताएं बार-बार बदलती रही। कभी अफसरों ने हेल्थ सेक्टर को चुना तो कभी ट्रांसपोर्ट को। अचानक सड़क किनारे के सौंदर्यीकरण पर फोकस हो गए। इस वजह से किसी एक प्रोजेक्ट या सुविधा पर फोकस नहीं किया गया। इसी वजह से कोई भी काम रोल मॉडल नहीं बन सका।
अब इन पर करेंगे फोकस
विशाखापट्टनम में हुई कांफ्रेंस में जो भविष्य के लिए दिशा तय की गई है। उसमें साइकिल ट्रैक जैसे सुविधा वाले प्रोजेक्ट पर फोकस करने को कहा गया है।
स्मार्ट सिटी मिशन के नीति निर्धारकों का मानना है कि ऐसे काम भविष्य में शहर के लिए उपयोगी साबित होंगे, इससे पर्यावरण और शहर की आबोहवा को सुधारने में भी मदद मिलेगी। मिशन से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि ऐसे कामों के अलावा लोगों को फौरी सुविधाएं मिलें इसके लिए भी काम करना होगा।