बघेल ने मांगी झीरम कांड डायरी, शाह ने नहीं दिया जवाब
कमलनाथ बोले- राज्यों को 42 की जगह 50% मिले केंद्रीय करों में हिस्सेदारी
रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मंगलवार को हुए इंटर स्टेट काउंसिल (मध्य क्षेत्र विकास परिषद) की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी मांगों को रखा। बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ की ओर से सबसे महत्वपूर्ण झीरम कांड की एनआईए जांच के मुद्दे को भी उठाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि एनआईए की जांच में कोई तथ्य सामने नहीं आए हैं। ऐसे में इसे राज्य पुलिस को सौंप दिया जाना चाहिए। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि केंद्र से मिलने वाले सभी टैक्स की क्षतिपूर्ति के अंश को 42 से बढ़ाकर 50 फीसदी किया जाए। बैठक में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हुए।
रायपुर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मान्यता, वनाधिकार पट्टा किसानों को 12 हजार देने की मांग
बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया काे बताया कि उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के सामने नक्सलवाद का मुद्दा उठाया। उनको बताया गया कि छत्तीसगढ़ में बीते एक साल के दौरान हमारी सरकार आने के बाद नक्सल घटनाओं में कमी आई है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नवनिर्माण के लिए 11443 करोड़ का पैकेज लंबित है। राज्य के 10 आकांक्षी जिलों में नवनिर्माण के काम होने हैं। इसके साथ ही झीरम घटना की फाइल वापस करने की मांग की गई, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं आया।
छत्तीसगढ़ की ओर से गृहमंत्री के सामने रखी गई मुख्य बातें
रायपुर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की मान्यता देना। उससे पहले एयर कार्गो शुरू किया जाए।
बैठक में बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए जमीन दिए जाने पर सहमति बन गई है।
एथेनॉल प्लांट की एक साल की मान्यता को बढ़ाकर तीन साल करें। एथेनॉल की कीमत निर्धारित की जाए।
छत्तीसगढ़ चावल उत्पादक राज्य है। सेंट्रल पुल में कोटा तय होने के बाद भी काफी मात्रा में चावल मौजूद है। राज्य में एथेनॉल प्लांट लगाना चाहते हैं। केंद्र सरकार मदद करें तो इसका लाभ प्रदेश के साथ ही केंद्र को भी मिलेगा।
राज्य में 44 फीसदी जंगल है। इन इलाकों में 40 फीसदी लोग बीपीएल रेखा के नीचे रह रहे हैं। वनांचल में यह संख्या 50 से 60 फीसदी हो जाती है। सिंचाई के साधन कम है। गरीबी भी ज्यादा है। 0 से 4 प्रतिशत सिंचित रकबा है।
किसान सम्मान निधि वनाधिकार पट्टा वाले किसानों को 12,000 दी जाए।
8 में से 5 जनजातियों के मात्रात्मक त्रुटि को सुधारने की सहमति मिली है।
प्रदेश से पलायन कर चुके 1 लाख लोगों को जाति प्रमाणपत्र देने की मांग रखी गई।
छत्तीसगढ़ स्थित गंगा कछार में कोलर्बिरा जलाशय, सुलमुली, नवापार, सुतिया, कलुआ, लखनपुर बैराज, सिरसिरा बैराज, केरामा टैंक, सितकालो टैंक, जूर बैराज, पूवरी बैराज, कुमरेवा टैंक, तुरगा टैंक, इन योजनाओं की लागत 500 करोड़ अनुमानित है।
परिषद में छत्तीसगढ़ को उत्तराखंड वाले जोन के साथ रखा गया है, जो कि राज्य की आवश्यकताओं और किए जाने वाले प्रयासों के लिए सुसंगत समूह नहीं है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ को झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र जैसे राज्य वाले समूहों के साथ रखने की बात कही गई।
आने वाले सालों में जीएसटी कंपनसेशल प्रोजेक्शन कम, अक्टूबर का फंड दिसंबर में होता है जारी : कमलनाथ
वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने काउंसिल की बैठक के दौरान राज्यों को मिलने वाले केंद्रांश को 42 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि आने वाले साल के लिए राज्यों को दिए जाने वाले जीएसटी कंपनसेशन का जो प्रोजेक्शन किया गया है, वह बेहद कम है, जो कि चिंता की बात है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि राज्यों के सामने बड़ी समस्या जीएसटी कंपनसेशन के लेटलतीफी की भी है। अक्टूबर का फंड दिसंबर में जारी किया गया, जबकि निर्धारित समय सीमा में यह राशि राज्यों को देनी चाहिए।
संघीय ढांचे के लिए यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक के उद्घाटन सत्र में कहा कि हमारे संघीय ढांचे के लिए ये बैठक बेहद महत्वपूर्ण है। इसकी कल्पना ही इसलिए की गई है कि राज्य के छोटे-बड़े मुद्दों को साथ आकर निपटा लिया जाए। राज्यों के आपसी समन्वय को बेहतर बनाया जा सके। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार क्षेत्रीय परिषद की बैठक को नियमित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। राज्यों के मुद्दों के अलावा केंद्र के भी मुद्दे हैं। केंद्र सरकार राज्यों के साथ बेहतर समन्वय बनाकर विकास की नई दिशा तय करना चाहती है।